एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक को भारत में जल्द लॉन्च किया जा सकता है। क्योंकि सरकार की तरफ से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन नीलामी की जगह प्रशासनिक तरीके से किया जाएगा, तो चलिए जानते हैं कि आखिर स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस क्या है? और ये कैसे चर्चा में बनी हुई है?
स्टारलिंक सर्विस को कैसे कर पाएंगे एक्सेस?
स्टारलिंक सर्विस एक्सेस करने के लिए एक स्पेशल किट खरीदना होगा। इसमें सैटेलाइट डिश, वाई पाई राउटर, सभी तरह की केबल मौजूद रहती है। यह डिश काफी छोटी और पोर्टेब होती है, जो सीधे स्टारलिंक सैटेलाइट से कनेक्ट रहती है और आपके घर पर इंटरनेट ऑफर करती है। इसे सिग्नल रिसीव करने के लिए घर की छत पर सेटअप करना होता है। फिर सीधे सैटेलाइट से सिग्नल भेजा जाता है, जो वाई-फाई के जरिए इंटरनेट ऑफर करता है।
स्टारलिंक सर्विस के प्लान
स्टारलिंक सर्विस 25 Mbps से लेकर 220 Mbps की स्पीड पर डेटा ट्रांसफर करेगी। स्टारलिंक सर्विस के ज्यादातर प्लान अनलिमिटेड डेटा के साथ आते हैं। कुछ प्लान फास्टर डेटा के साथ आते हैं। यह प्लान 40GB और 1TB प्लान के साथ आते हैं।
इन देशों में मिलती है स्टारलिंक सर्विस
स्टारलिंक सर्विस कई देशों जैसे अमेरिका, कनाडा, यूके, जर्मनी, न्यूजीलैंड और फ्रांस में मौजूद है। कंपनी अपनी सर्विस को स्पेन, इटली, मैक्सिको में विस्तार करना चाहती है। चिली ने सबसे पहले स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट को एक्सेस किया था।
गांव-देहात के साथ शहरी इलाकों में फायदा
बता दें कि स्टारलिंक सर्विस का फायदा गांव-देहात के साथ शहरी इलाकों में मिलेगा। जिन इलाकों में ब्रॉडबैंड केबल नहीं मौजूद है, उन इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि इसमें मोबाइल टावर की जरुरत नहीं होगी। हालांकि इसकी दिकक्त यह है कि यह सर्विस काफी महंगी होगी