

द्वितीय केदार के रूप में विख्यात मदमहेश्वर (Madmaheshwar) की यात्रा इस बार श्रद्धालुओं के लिए किसी तपस्या से कम नहीं है. बनातोली के पास मौरम्बा नदी पर बना पुल 14 अगस्त 2023 को आपदा में बह गया था, अब डेढ़ साल होने को हैं लेकिन अब तक स्थायी पुल तो दूर, ट्रॉली तक पूरी नहीं बन पाई.
श्रद्धालु बिजली के तारों से पार कर रहे नदी
तीर्थयात्री और ग्रामीण जान हथेली पर रखकर बिजली के तारों पर लकड़ियों से बनी अस्थायी पुलिया के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं. बरसात में नदी के वेग ने अगर इस जुगाड़ू पुल को भी निगल लिया, तो मदमहेश्वर घाटी का संपर्क कटने की पूरी आशंका है. लोक निर्माण विभाग की लापरवाही पर स्थानीय लोग और व्यापारी गुस्से में हैं.
महीनों से अधर में लटका है ट्रॉली निर्माण का काम
विभाग ने पिछले साल ट्रॉली निर्माण का काम शुरू तो किया था, मगर कई महीनों से काम अधर में लटका है. स्थानीय पर्यटन व्यवसायी बताते हैं कि मदमहेश्वर यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु यहां से गुजरते हैं, जो आसपास के होटलों, ढाबों और घोड़े-खच्चर सेवाओं का सहारा लेते हैं. लेकिन अब पुल न होने से यात्रियों की आवाजाही प्रभावित हो रही है