
केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। बुधवार को राजनीति में अपराधीकरण रोकने के लिए सरकार लोकसभा (Lok Sabha) में तीन बिल(Three Bills) पेश करने जा रही है। जिसमें 130वां संविधान संशोधन बिल भी शामिल है। इस बिल के मुताबिक अगर पांच साल या उससे अधिक सजा वाले संगीन अपराध में अगर कोई भी मंत्री फिर चाहें वो राज्यों के मुख्यमंत्री या फिर प्रधानमंत्री( PM-CM) ही क्यों ना हो, 30 दिनों तक हिरासत में रहता है तो तुरंत ही उसका पद छीन लिया जाएगा।
30 दिन PM-CM रहे जेल में तो जाएगी कुर्सी!
मंगवार की शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा के महासचिव को इस बिल के पेश किए जाने के बारे में बताया था। इसके मुताबिक अगर कोई भी मंत्री किसी गंभीर आरोप में गिरफ्तार होता है। जिसके सजा पांच साल या उससे ज्यादा की होती है। और लगातार 30 दिनों तक जेल में रहता है तो उसे उसके पद से हटा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री इसके लिए राष्ट्रपति से सिफारिश कर सकेंगे। सिफारिश ना मिलने पर वो मंत्री अपने आप ही इस बिल के मुताबिक हटा दिया जाएगा।
क्या कहता है मोदी सरकार का ये खास बिल
खास बात ये है कि ये बिल केवल मंत्रियों पर लागू नहीं होगा। इसमें राज्यों के सीएम और देश के पीएम भी शामिल है। गिरफ्तारी के 31वें दिन इस्तीफा ना देने पर वो खुद वा खुद इस बिल के चलते पद से हट जाएंगे। हालांकि बाद में राष्ट्रपति उन्हें सीएम या पीएम पद के लिए नियुक्त कर सकता है।
संविधान में नहीं है ऐसा कोई प्रावधान
वर्तमान में संविधान में किसी ऐसे मंत्री को हटाने का स्पष्ट प्रावधान नहीं है जिसे गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया हो या हिरासत में रखा गया हो। इसे ध्यान में रखते हुए, संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन के लिए यह बिल लाया गया है।
सरकार तीन बिल पेश करेगी
सरकार बुधवार को लोकसभा में तीन बिल पेश करने जा रही है। इनमें से एक बिल 130वां संविधान संशोधन विधेयक होगा। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक भी पेश किए जाएंगे। इन सभी बिलों को आगे विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। ताकि सभी राजनीतिक दलों की राय और सुझाव लिए जा सकें।