

जोशीमठ-औली रोपवे को नया रूप देने की तैयार की जा रही है. 2023 में हुए भू-धंसाव के बाद बंद हुए पुराने रोपवे की जगह अब नया और अत्याधुनिक रोपवे बनेगा. जिसकी डीपीआर तैयार कर ब्रिडकुल ने शासन को सौंप दी है.
दो चरणों में बनेगा 4.5 किमी लंबा जोशीमठ- औली रोपवे
बताया जा रहा है करीब 480 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह रोपवे दो चरणों में तैयार किया जाएगा. पहला चरण जोशीमठ के टावर नंबर तीन से औली तक होगा. जिसकी लंबाई 2.76 किमी होगी. इसके लिए 11 टावर लगाए जाएंगे. साथ ही अत्याधुनिक मोनो केबल लगाए जाएंगे. बताया जा रहा है इसमें गोंडोला सिस्टम होगा. कुल 21 गोंडोला प्रस्तावित हैं. हर गोंडोले में 6-7 लोग बैठ सकेंगे.
वहीं दूसरे चरण में औली से गोरसों के बीच 1.85 किमी लंबा रोपवे बनाया जाएगा. इसमें लगभग 7 टावर लगाए जाएंगे और 9 गोंडोले चलाए संचालित किए जाएंगे. इस पूरे रोपवे सिस्टम में एक घंटे में लगभग 500 यात्रियों को सफर कराने की क्षमता होगी, जिससे औली की यात्रा और भी रोमांचक व सुगम बन जाएगी.
नया रोपवे क्यों बनाया जा रहा है?
बता दें जनवरी 2023 में जोशीमठ में भूधंसाव के कारण मौजूदा रोपवे के टावर नंबर 1 और 2 के पास दरारें आ गई थीं. यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनज़र रोपवे का संचालन रोक दिया गया था. इसके बाद सरकार ने ब्रिडकुल को नए रोपवे निर्माण की संभावनाएं तलाशने को कहा था. जानकारी के अनुसार ब्रिडकुल के प्रबंधक निदेशक एनपी सिंह ने बताया कि डीपीआर तैयार कर शासन को सौंप दी गई है. स्वीकृति मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और रोपवे का निर्माण किया जाएगा.
