देश के पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह का आज दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं अब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर सियासत गरमा गई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों ने पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार राजघाट पर नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई और इसे डॉ मनमोहन सिंह का अपमान बताया है।
मौजूदा सरकार ने डॉ मनमोहन सिंह का अपमान किया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि देश के महान सबूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर मौजूदा सरकार ने उनका अपमान किया है। एक दशख के लिए वो देश के प्रधानमंत्री रहे, उनके दौरे में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के गरीब और पिछड़े वर्गों का सहारा हैं।
उन्होनें आगे कहा कि आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए गए ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए। पूर्व पीएम सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं। सरकार को देश के इस महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौन के प्रति आदर दिखाना चाहिए था।
बीजेपी सरकार 1000 गज जमीन भी न दे सकी?
वहीं दिल्ली के पूर्व सीएम और आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैं ये खबर सुनकर स्तब्ध हूं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया। इससे पूर्व भारत के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था। केजरीवाल ने कहा कि सिख समाज से आने वाली दुनिया में ख्याति प्राप्त, 10 साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए बीजेपी सरकार 1000 गज जमीन भी न दे सकी?
खरगे ने पीएम मोदी से की थी मांग
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होनें अंतिम संस्कार किसी ऐसे जगह पर कराने की मांग की थी जहां पर उनका समाधि स्थल बनाया जा सके। पत्र में राजघाट का भी जिक्र किया गया था। खरगे ने इसके लिए कई पूर्व प्रधानमंत्रियों के राजघाट पर किए गए अंतिम संस्कार का जिक्र किया था। हालांकि, सरकार ने मांगों को खारिज करते हुए निगमबोध घाट पर ही अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है।