सीएम धामी लगातार सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश अधिकारियों का दे रहे हैं लेकिन कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो इन निर्देशों के पालन ना होने की गवाही दे रही हैं। खटीमा-मझोला हाइवे बीते एक साल से जर्जर स्थिति में है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसकी सुध लेने के लिए तैयार नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है इस बात का अंदाजा लगाना अब मुश्किल हो गया है। खटीमा से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग का लगभग 15 किलोमीटर का पैच बुरी तरह जर्जर हो चुका है। इस सड़क मार्ग से जुड़ने वाले दर्जनों गांव के ग्रामीणों को मुख्य नगर खटीमा आने के लिए रोजाना खांसी दुश्वारियां उठानी पड़ रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वो शासन-प्रशासन से कई बार सड़क को ठीक कराने के लिए गुहार लगा चुके हैं। लेकिन उनकी सुनवाई किसी स्तर पर नहीं हो रही है। सड़क से गुजरने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि अगर वो सुबह घर से निकलते हैं तो शाम को वो सकुशल घर पहुंचेंगे इस बात का उन्हें विश्वास नहीं रहता है। सड़क की स्थिति से परेशान स्थानीय लोग शासन प्रशासन से जल्द इस सड़क को नए सिरे से बनाने की भी मांग कर रहे हैं।
सड़क के जर्जर होने पर अधिकारी बोले ये
इस सड़क के लंबे समय से जर्जर होने के बारे में जब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली गई तो लोक निर्माण विभाग खटीमा के सहायक अभियंता प्रेम प्रकाश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया की वर्ष 2018 में इस सड़क को राजमार्ग से राष्ट्रीय राजमार्ग किए जाने की घोषणा हो चुकी है। जबकि अप्रैल 2024 को खटीमा-मझोला सड़क मार्ग एनएच को हस्तांतरित भी किया जा चुका है। अब इसके निर्माण की कार्यवाही एनएच विभाग द्वारा ही की जाएगी