नीट 2024 (NEET 2024) की परीक्षा रद्द होगी या नहीं इसे लेकर अभी सुप्रीम फैसला होना बाकी है। हालांकि नीट 2024 परीक्षा में धांधली को लेकर केंद्र की एक रिपोर्ट सामने आई है।
दरअसल केंद्र सरकार ने माना है कि इस परीक्षा में धांधली हुई है। हालांकि केंद्र ने ये भी कहा है कि ये धांधली बड़े पैमाने पर नहीं हुई है।केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि नीट यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर कोई धांधली नहीं हुई है, ऐसे में दोबारा परीक्षा कराए जाने की कोई जरूरत नहीं है। टेलीग्राम में वायरल हो रहे पेपर के एक वीडियो को केंद्र सरकार ने फर्जी बताया है। केंद्र ने साफ कर दिया है कि नीट यूजी परीक्षा में पास होने वाले छात्रों की काउंसलिंग जल्द ही शुरु होगी और ये प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी और यह चार दौर में आयोजित की जाएगी।
हलफनामे के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी अभ्यर्थी को कोई लाभ न मिले। हलफनामे में कहा गया है कि आईआईटी मद्रास का डाटा एनालिटिक्स कोई बड़ी अनियमितता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं दिखाता है। इसमें पिछले दो वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर कदाचार या स्थानीय पक्षपात के कोई सुबूत नहीं मिले हैं।
सुप्रीम कोर्ट को सौंपी केंद्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि अंकों का वितरण सामान्य बेल कर्व का पालन करता है और यह किसी अनियमतिता की ओर इशारा नहीं कर रहा है। शीर्ष 1.40 लाख रैंकों का विश्लेषण करने पर कदाचार या विशिष्ट केंद्रों या शहरों को अनुचित लाभ देने का भी कोई संकेत नहीं मिला। हलफनामे में कहा गया है कि कुछ परीक्षा केंद्रों से ही टापर होने का आरोप निराधार है। इसके मुताबिक नीट यूजी मामले में टाप 100 कैंडिडेट 56 शहरों के 95 सेंटरों से हैं। ऐसे में कुछ ही परीक्षा केंद्रों से टॉपर होने का तथ्य सही नहीं है।
हलफनामे में नीट पेपर लीक मामले पर कथित टेलीग्राम वीडियो को फर्जी करार देते हुए कहा गया है कि वह वीडियो चार मई का दिखाने के लिए एडिट किया गया था। टेलीग्राम चैनल के सभी सदस्य भी फर्जी थे। इसमें में प्रश्नपत्रों की गोपनीय छपाई, उसके परिवहन और वितरण को सुनिश्चित करने के लिए मौजूद प्रणाली के बारे में भी जानकारी दी गई है।
केंद्र ने कहा कि परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने तथा किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में उसने एनटीए द्वारा पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रभावी उपायों की सिफारिश करने हेतु विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। हलफनामे में कहा गया है कि पेपर की आवाजाही की बकायदा निगरानी होती है। भविष्य में कंप्यूटर आधारित परीक्षा कराने पर विचार हो रहा है