उत्तराखण्ड

घनसाली में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उबाल, 42 दिनों से जारी है आंदोलन, सामूहिक आत्मदाह की दी चेतावनी

खबर शेयर करें -

टिहरी के घनसाली क्षेत्र में लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के खिलाफ आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। घनसाली बस अड्डे और पिलखी अस्पताल परिसर में दो स्थानों पर चल रहे प्रदर्शन को 40 से अधिक दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक समाधान का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है।

बता दें 3 प्रसव पीड़िताओं की मौत के बाद सरकार द्वारा पीएचसी पिलखी को सीएचसी में अपग्रेड करने की घोषणा किए जाने के बावजूद आंदोलनकारी अपनी मुख्य मांगों पर अड़े हुए हैं। आंदोलनकारियों की मांग है कि पिलखी अस्पताल को उप जिला चिकित्सालय (एसडीएच) का दर्जा दिए जाए। अपनी मांगों को लेकर सर्वदलीय स्वास्थ्य जन संघर्ष समिति के बैनर तले घनसाली बस अड्डे पर व्यापार मंडल अध्यक्ष कैलाश बडोनी व पूर्व विधायक भीम लाल आर्य के नेतृत्व में 37 दिनों से धरना जारी है।

सामूहिक आत्मदाह की दी चेतावनी
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार गोलमोल बयान देकर जनता को भ्रमित कर रही है और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने में भी लापरवाही बरती जा रही है। पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगों पर उचित निर्णय नहीं लिया गया तो 11 दिसंबर को 11 आंदोलनकारी सामूहिक आत्मदाह जैसे चरम कदम उठाने को मजबूर होंगे।

कागजों तक सीमित हैं विधायक के आश्वासन
इधर, पिलखी अस्पताल में घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन 42वें दिन भी जारी रहा। संघर्ष मोर्चा के संयोजक अजय कंसवाल ने कहा कि स्थानीय विधायक की ओर से किए गए आश्वासन केवल कागजों तक सीमित हैं और उन्हें धरातल पर उतारने की कोई इच्छा नहीं दिख रही है। इसी के विरोध में संघर्ष मोर्चा ने अब ग्रामीण चौपाल आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसकी शुरुआत आज जमोलना गांव से कर दी गई है।

स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के कारण जा चुकी है कई लोग अपनी जान
आंदोलनकारियों का कहना है कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और अब वे किसी भी कीमत पर ठोस समाधान चाहते हैं। वहीं, स्थानीय जनता भी आंदोलनकारियों के समर्थन में आगे आ रही है, जिससे आंदोलन और अधिक व्यापक होता जा रहा है

Ad Ad
News100Live Desk
टीम न्यूज़ 100 लाइव