
वक्फ संपत्तियों को छिपाने वालों पर उत्तराखंड सरकार एक्शन लेने की तैयारी में है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा वक्फ संपत्तियों में सुधार और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से 6 जून 2025 को वक्फ पोर्टल की शुरुआत की गई थी।
वक्फ संपत्तियों को छिपाने वालों पर गिरेगी गाज
बता दें इस पोर्टल का मकसद देशभर की वक्फ संपत्तियों का डिजिटल पंजीकरण, पारदर्शी प्रबंधन और निगरानी सुनिश्चित करना है। हालांकि, इसके बावजूद कई जगहों से शिकायतें सामने आ रही हैं कि कुछ लोग और समितियां वक्फ संपत्तियों को जानबूझकर पोर्टल पर दर्ज नहीं कर रही हैं और उन्हें अवैध रूप से दबाने का प्रयास कर रही हैं। इसी को लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने चेतावनी दी है।
तीन चरणों में तैयार किया है ‘चेकर-मेकर-अप्रूवल’
शादाब शम्स ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहां कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्पष्ट नीति है कि “गलत को छोड़ा नहीं जाएगा”, इसलिए वक्फ संपत्तियों को छिपाने या पंजीकरण से बचने वालों पर वक्फ बोर्ड जल्द बड़ी कार्यवाही करने जा रहा है। शादाब शम्स ने बताया कि वक्फ पोर्टल को ‘चेकर-मेकर-अप्रूवल’ के तीन चरणों में तैयार किया गया है ताकि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी न हो।
वक्फ माफिया की श्रेणी में रखा जाएगा संपत्ति छिपाने वाले को: अध्यक्ष
शादाब शम्स ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या समिति अगर अपनी वक्फ संपत्ति को पोर्टल पर दर्ज नहीं करती है, तो उसे ‘वक्फ माफिया’ की श्रेणी में रखा जाएगा। वक्फ बोर्ड ने इस मुद्दे पर लगातार मीडिया, सोशल मीडिया और जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों से अपील की है कि वे अपनी संपत्तियों का पंजीकरण अवश्य कराएं। संपत्तियों को पोर्टल पर दर्ज न करने से वक्फ संस्थान और समुदाय दोनों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है

