
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) को बिजनेस टाइकून एलन मस्क (Elon Musk) ने सीधी चुनौती दी है। दोनों के बीच शुरू हुई तकरार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। साथ ही तनातनी के खत्म होने के अब आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि बीते दिनों ट्रंप से धमकी मिलने के बाद मसक ने अमेरिका में सीधा नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया।
अपनी नई पार्टी की जानकारी मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का “बिग, ब्यूटीफुल” बिल अमेरिका को दिवालिया बना देगा। बता दें कि घोषणा के साथ उन्होंने पार्टी का नाम भी बताया। एलन की राजनितिक पार्टी का नाम ‘अमेरिका पार्टी‘ (America Party)है।
Elon Musk ने बनाई नई America Party
एलन मस्क ने लिखा, “जब बात बर्बादी और भ्रष्टाचार से हमारे देश को दिवालिया बनाने की आती है तो हम बन पार्टी सिस्टम में रहते हैं, लोकतंत्र में नहीं। आज, अमेरिका पार्टी आपको आपकी आजादी वापस दिलाने के लिए बनाई गई है।”
ट्रंप और मस्क के बीच तनाव जारी
दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने अमेरिका में हुए साल 2024 चुनाव के दौरान एक बड़ी भूमिका निभाई थी। कहा जाता है कि ट्रंप को जीताने में मस्क का हाथ है। एलन ने पूरे चुनाव की फंडिंग की। साथ ही मैनेजमेंट को भी संभाला। ऐसे में नई पार्टी के ऐलान के बाद ऐसा लग रहा है मानो वो ट्रंप को ही खुली चुनौती दे रहे हो।
ऐसे बनेंगे ट्रंप के लिए मुसीबत
हाल ही में अमेरिका की संसद में बिग ब्यूटीफुल बिल पारित हुआ है। एलन हमेशा से ही इस बिल के विरोध में रहे है। तो वहीं ट्रंप इसे पास करवाना चाहते थे। इसी बिल के चलते दोनों ट्रंप और मस्क के बीच दूरी आईं। इस बिल के पक्ष में संसद में 218 और विपक्ष में 214 वोट आए। इन्हीं विपक्ष वोटों को मस्क अपने पाले में लाने की कोशिश में है। ताकि फ्यूचर में ही इस तरह के बिल को संसद में ही रोक दिया जाए।
क्या है मस्क का प्लान?
पार्टी का ऐलान करते हुए मस्क ने ये साफ किया वो सिर्फ दो या तीन सीनेट सीटों और आठ से 10 हाउथ जिलों पर अपना फोकस रखेंगे। हालांकि मस्क ने सीटों के नाम का खुलासा नहीं किया। बता दें कि हर दो साल में अमेरिका में सभी 435 यूएस हाउस सीटों के चुनाव होते है। साथ ही सीनेट के 100 मेंबर में से करीब 1/3, जिनका कार्यकाल छह साल का रहता है, हर दो साल में चुने जाते हैं। इन्हीं पर मस्क की नजर होगी। आने वाले चुनाव में फोकस कर वो संसद में विपक्ष को मजबूत करेंगे