
आगामी हरेला पर्व के अवसर पर पौड़ी में बड़े स्तर पर वृक्षारोपण की तैयारियों को लेकर डीएम स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक में बताया कि हरेला पर्व 16 जुलाई को प्रदेश में मनाया जाएगा, जिसके अंतर्गत जिले में एक दिन में 50 हजार पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस वर्ष की थीम ‘एक पेड़ मां के नाम’ रखी गई है.
पौड़ी में लगाए जाएंगे 50 हजार पौधे
डीएम ने बताया कि हरेला महोत्सव के अन्तर्गत सभी सम्बन्धित विभागों जैसे शिक्षा, वन, उद्यान, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, नगर निगम, जिला पंचायत, जल संसाधन, जिला उद्योग केन्द्र और कृषि विभाग को उनके दायित्व एवं क्षमता के अनुसार अलग-अलग वृक्षारोपण के लक्ष्य आवंटित किये गये हैं. साथ ही, हर विकासखंड में वृक्षारोपण के लिए लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं. इसके अलावा उन्होंने सम्बन्धित विभागों को पौधों की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने और ऐसे स्थलों का चयन करने के निर्देश दिये, जहां पौधों की उचित देखभाल सम्भव हो. साथ ही, वृक्षारोपण से पहले गड्ढों की खुदाई का कार्य समय पर पूरा करने के लिए निर्देशित किया.
हर पौधे पर ‘मां का नाम’ लिखना अनिवार्य : DM
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने यह भी कहा कि रोपे जाने वाले प्रत्येक पौधे पर ‘मां के नाम’ लिखना अनिवार्य किया गया है, ताकि इस अभियान से भावनात्मक जुड़ाव भी हो सके. जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि कार्यों की रिपोर्टिंग जमीनी स्तर पर कार्यरत कार्मिकों के माध्यम से समयबद्ध तरीके से की जाए और प्रत्येक स्थल की जियोटैग्ड फोटो अनिवार्य रूप से प्रस्तुत की जाए. साथ ही जिलाधिकारी ने जनभागीदारी भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. डीएम ने विशेष रूप से बीडीओ और जलागम विभाग को अमृत सरोवर के तटों पर वृक्षारोपण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
50 प्रतिशत लगाए जायेंगे फलदार प्रजाति के पौधे
एसडीओ आयशा बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि वृक्षारोपण कार्यक्रम में 50 प्रतिशत पौधे फलदार प्रजाति के होने चाहिए, ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ भी मिल सके. एसडीओ ने कहा कि इस अभियान में छात्र-छात्राओं, ग्रामीणों और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए. वृक्षारोपण गतिविधियों की निगरानी और मूल्यांकन के लिए तहसील स्तर पर समितियों का गठन किया गया है. साथ ही बताया कि वृक्षारोपण से संबंधित सूचना निर्धारित प्रारूप में जिला स्तर पर भेजी जा रही है