उत्तराखण्ड

2000 रुपए से ज्यादा के UPI Transactions पर लगेगा टैक्‍स!, सरकार ने जारी किया बयान, जानें

खबर शेयर करें -
GST ON upi-transaction-tax

आजकल चाहे सब्ज़ी वाला हो या कोई दुकान से चीज खरीदनी हो, हर कोई मोबाइल निकालता है और QR कोड को स्कैन कर चंद सेकेंड में पेमेंट हो जाती है। यहां तक की भिकारी के पास भी आपको QR Code मिल जाएगा। ये कमाल है यूपीआई(UPI) का।

इसने हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को काफी आसान बना दिया है। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि दो हजार रुपए से ऊपर के यूपीआई ट्रांजैक्शन (GST On UPI Transactions) पर 18% जीएसटी लग सकता है। इस खबर ने कई लोगों को कन्फ्यूजन में डाल दिया कि क्या अब मोबाइल से पेमेंट करना महंगा हो जाएगा? चलिए जानते है आखिर सच्चाई है क्या?

gst

सरकार ने यूपीआई पर दी सफाई GST On UPI Transactions

इन खबरों को लेकर वित्त मंत्रालय ने अब साफ-साफ बयान जारी कर दिया है। सरकार ने कहा है कि UPI ट्रांजैक्शन पर फिलहाल किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा और ना ही ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन है।

मंत्रालय ने अफवाहों को खारिज करते हुए दो टूक कहा कि “यूपीआई पेमेंट पर GST लगाने की कोई योजना नहीं है।” सरकार का साफ कहना है कि वो डिजिटल पेमेंट को और ज़्यादा बढ़ावा देना चाहती है। ना कि उस पर टैक्स लगाकर उसे लोगों से दूर करना।

ये भी पढ़े:- Bank Holidays 2025: साल में कितने दिन बंद रहेगा बैंक? यहां जानें बैंक छुट्टी की पूरी लिस्ट

ट्रांजैक्शन पर पहले ही हटाया जा चुका है MDR

सरकार ने जनवरी 2020 में ही ग्राहक से व्यापारी को होने वाले यूपीआई ट्रांजैक्शन पर MDR (Merchant Discount Rate) को हटा दिया था। यानी जब आप किसी दुकानदार को यूपीआई से पेमेंट करते हैं तो उसे अब कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ता। मंत्रालय ने ये भी स्पष्ट किया कि जब कोई MDR ही नहीं है तो उस पर GST लगाने का सवाल ही नहीं उठता।

फ्री है यूपीआई ट्रांजैक्शन

तो फिलहाल राहत की बात ये है कि 2000 रुपये से ऊपर के UPI ट्रांजैक्शन पर कोई टैक्स नहीं लगने वाला। जो अफवाहें फैल रही थीं सरकार ने उन पर रोक लगाकर क्लियर कर दिया है कि डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम पीछे नहीं हटाए जाएंगे। अब आप बेफिक्र होकर QR कोड स्कैन कर सकते हैं। UPI अभी भी फ्री है और आगे भी रहेगा।

ट्रांजैक्शन का नया ट्रेंड बना यूपीआई

एक वक्त था जब लोग एटीएम की लाइन में लगते थे। कैश लेकर चलते थे। लेकिन अब वो दौर तेजी से बदल रहा है। मार्च 2025 में अकेले एक महीने में 24.77 लाख करोड़ रुपये के UPI ट्रांजैक्शन हुए। आंकड़े बताते हैं कि लोग अब डिजिटल पेमेंट को ज़्यादा सुरक्षित, तेज़ और भरोसेमंद मानते हैं। सरकार का फोकस भी यही है कि देश की अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाया जाए और कैश पर निर्भरता को कम किया जाए

Ad
News100Live Desk
टीम न्यूज़ 100 लाइव