

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को एम्स ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह (AIIMS Rishikesh convocation) की अध्यक्षता की. जेपी नड्डा ने छात्रों को डिग्री देते हुए कहा कि सरकार हर एमबीबीएस छात्र की पढ़ाई पर 30 से 35 लाख रुपये खर्च करती है, इसलिए डॉक्टरों को समाज के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए.
434 छात्रों को दी डिग्री
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि देश में अब 22 एम्स चल रहे हैं और 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर कार्यरत हैं. कार्यक्रम में कुल 434 छात्रों को डिग्री दी गई. साथ ही, हेलीकॉप्टर सेवा से 309 मरीजों को बचाने, और टेलीमेडिसिन सेवा के जरिये दूरदराज तक इलाज पहुंचाने के लिए एम्स ऋषिकेश की सराहना की गई.
नर्सिंग शिक्षा को बढ़ावा देने का किया जा रहा प्रयास : नड्डा
नड्डा ने कहा पिछले दस सालों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 101% वृद्धि और MBBS सीटों में 130% तक का इजाफा हुआ है. साथ ही नर्सिंग शिक्षा को भी बढ़ावा देने के लिए 157 नए नर्सिंग कॉलेज बनाए जा रहे हैं. समारोह के दौरान नड्डा ने कई नई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन भी किया, जिनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा इकाई, न्यूक्लियर मेडिसिन में PET स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी में PACS सुविधा और बच्चों के लिए उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं.
सीएम धामी धामी ने गिनाई उपलब्धियां
समारोह में मौजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स ऋषिकेश को राज्य के लिए गौरव बताया. उन्होंने कहा कि यह संस्थान न केवल रोबोटिक सर्जरी और न्यूरो सर्जरी जैसी आधुनिक तकनीकों से इलाज कर रहा है, बल्कि प्रदेश में हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवाओं की शुरुआत कर एक नई दिशा भी दी है. सीएम धामी ने बताया कि उत्तराखंड में 5 हजार से अधिक ग्राम पंचायतें अब टीबी मुक्त घोषित हो चुकी हैं. साथ ही सरकार हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क को और सशक्त करने की दिशा में काम कर रही है
