

चारधाम यात्रा अब पहले से ज्यादा सुरक्षित और व्यवस्थित होगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर ऐतिहासिक मंजूरी दी है. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने चारधाम यात्रा के दौरान पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टरों की स्वैच्छिक तैनाती को हरी झंडी दे दी है.
चारधाम यात्रा को मिलेगा स्वास्थ्य कवच
उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को चारधाम यात्रा के दौरान और अधिक मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने जो प्रस्ताव भेजा था, उसे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल गई है. एनएमसी ने स्पष्ट कर दिया है कि MD/MS/DNB जैसे पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर अब चारधाम में सेवा देकर डीआरपी (District Residency Programme) प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे. स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा के लिए हर स्तर पर तैयार है.
सरकार करेगी आवास और भोजन की व्यवस्था
उत्तराखंड सरकार इन डॉक्टरों के लिए समुचित आवास, खानपान, प्रशिक्षण, सेवा प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करेगी. साथ ही यात्रा मार्गों पर विशेष चिकित्सा इकाइयों को मजबूत किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को त्वरित और विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवा मिल सके. एनएमसी की स्वीकृति के बाद देशभर के मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों से प्रशिक्षु डॉक्टरों की भागीदारी के लिए सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. युवा डॉक्टर इस पहल को सेवाभाव और करियर विकास दोनों के लिहाज से एक महत्वपूर्ण अवसर मान रहे हैं.
सीएम धामी ने किया फैसले का स्वागत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि, सरकार का संकल्प है कि चारधाम यात्रा न केवल श्रद्धा की यात्रा हो, बल्कि सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से भी एक मिसाल बने. एनएमसी द्वारा दी गई स्वीकृति हमारे लिए ऊर्जा का स्रोत है और यह दर्शाता है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर जनता के हित में निर्णायक कार्य कर रही हैं. यह पहल न केवल तीर्थयात्रियों को सशक्त स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि युवा डॉक्टरों को सेवाभाव के साथ प्रशिक्षण का अद्वितीय अवसर भी देगी
