

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज 30 अप्रैल से होने जा रहा है. यात्रा को लेकर शासन प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाए इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को यात्राकाल का ठोस रोड़मैप बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा यात्रा मार्गों और चारों धामों की चिकित्सा इकाईयों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती अनिवार्य रूप से करने के लिए कहा है.
श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दिए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सोमवार को अपने शासकीय आवास पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये. ,मंत्री ने कहा कि यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली चिकित्सा इकाईयों और चारोंधामों में विशेषज्ञ चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए. साथ ही स्थाई एवं अस्थाई चिकित्सा इकाईयों में पर्याप्त दवाईयां एवं चिकित्सा और मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया.
पैदल यात्रियों को जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
मंत्री ने कहा केदारनाथ, यमुनोत्री और हेमकुण्ड साहिब जाने वाले पैदल यात्रियों की सुविधा के लिये बनाये गये एमआरपी (मेडिकल रिस्पांस प्वाइंट) की संख्या बढ़ाने के साथ ही मेडिकल स्टॉफ को आवश्यक जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं. मंत्री ने बताया कि बैठक में चार धाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक मजबूत करने के दृष्टिगत इस साल 49 स्थाई चिकित्सा इकाईयों के साथ ही 25 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. जिसमें रोटेशन के आधार पर विशेष चिकित्सकों और चिकित्साधिकारियों के साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की जायेगी.
यात्रा रूटों पर 154 एम्बुलेंस होगी तैनात
मंत्री ने बताया कि यात्रा रूटों पर कुल 154 एम्बुलेंस तैनात की जायेंगी, जिसमें 17 एएलएस और एक बोट एम्बुलेंस भी शामिल है. इसके अलावा यात्रा के दौरान एक हेली एम्बुलेंस भी तैनात रहेगी ताकि आपात स्थिति में मरीजों को एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश अथवा दून मेडिकल कॉलेज पहुंचाया जा सके. मंत्री ने बताया कि यात्रा मार्गों पर एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम 15 मिनट करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये हैं ताकि आपात स्थिति में तीर्थ यात्रियों को समय पर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कर उनकी जान बचाई जा सके
