आज भू-बैकुंठ बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आज मा लक्ष्मी और भगवान बद्रीनाथ गर्भगृह में विराजमान होंगे। जिसके बाद धाम के कपाट छह महीने के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
आज शीतकाल के लिए बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
आज बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे। इससे कुछ समय पहले उद्धव और कुबेर की प्रतिमाएं परिसर में आ जाएंगी। 17 नवंबर को रात सवा 8 बजे कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रात 9 बजकर 7 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे धाम के कपाट
डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि आज रात 9 बजकर 07 मिनट पर घृत कंबल ओढ़ाने के बाद निर्धारित समय पर श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद 18 नवंबर की सुबह भगवान बद्रीनाथ योग बदरी के लिए प्रस्थान करेंगे।बता दें कि 17 नवंबर को ब्रह्म मुहुर्त में सुबह 4 बजे मंदिर खुला गया। जिसके बाद हर रोज की तरह साढ़े चार बजे से अभिषेक पूजा होगी और दिन का भोग लगाया गया। आज दिनभर भक्तों के लिए मंदिर खुला रहेगा।
शाम 6 बजकर 45 मिनट पर कपाट बंद करने की पूजा होगी शुरू
आज शाम 6 बजकर 45 मिनट पर कपाट बंद करने की पूजा शुरू होगी। करीब एक घंटे बाद यानी 7 बजकर 45 मिनट पर मंदिर के मुख्य पुजारी माता लक्ष्मी को मंदिर परिसर में प्रवेश कराएंगे। रात 8 बजकर 10 मिनट पर शयन आरती होगी और इसके बाद कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रात 9 बजे तक भगवान बद्रीविशाल को माणा महिला मंडल की ओर से तैयार किया गया घृत कंबल ओढ़ाया जाएगा। इसके बाद ठीक 9 बजकर 7 मिनट पर शुभ मुहूर्त में भगवान बद्रीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे