मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों सम्मान नहीं लिया। प्रदेश में इन दिनों मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के बौनर तले भू-कानून और मूल निवास की मांग और भी तेज हो गई है। ऐसे में समिति के संयोजन के इस कदम के बाद चर्चाओं के बाजार गर्म हो गए हैं।
मोहित डिमरी ने पूर्व सीएम हरीश रावत के हाथों नहीं लिया सम्मान
शनिवार रात श्रीरामकृष्ण लीला समिति टिहरी की ओर से आजाद मैदान बंगाली कोठी, देहरादून में आयोजित रामलीला में राज्य आंदोलनकारी मंच, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति, पहाड़ी स्वाभिमान सेना और देवभूमि युवा संगठन को आमंत्रित किया गया था। इस मौके पर रामलीला कमेटी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों कई लोगों को सम्मानित करवाया गया। लेकिन संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने हरीश रावत के हाथों सम्मान लेने से मना कर दिया।
मोहित डिमरी ने मंच से ही कह दिया ये
मोहित डिमरी ने मंच पर अपने संबोधन में कहा कि वो पूर्व सीएम हरीश रावत का बड़ा सम्मान करते हैं। हो सकता है कि 2027 में उनकी सरकार बने और वो मुख्यमंत्री बन जाए। अगर हरीश रावत मुख्यमंत्री बनते हैं और मूल निवास 1950, मजबूत भू-कानून और स्थाई राजधानी गैरसैंण को लेकर विधानसभा में जनभावनाओं के अनुरूप कानून बनाते हैं तो वो उनके हाथों सम्मान को सहर्ष स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य में इन प्रमुख मुद्दों का हल नहीं निकल जाता, वो किसी भी मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक के हाथों कोई सम्मान नहीं लेंगे।