उत्तराखंड में नगर निकाय के चुनाव पर अब फिलहाल प्रशासकों का कार्यकाल अगले 3 महीने या बोर्ड के गठन होने तक के लिए बढ़ा दिया गया है. शासन द्वारा अधिसूचना जारी की गयी है। कि राज्य में आचार संहिता लागू होने के कारण फिलहाल नगर निकाय के चुनाव करवाना संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रशासकों के अगले 3 महीने तक बढ़ाए गए कार्यकाल के दौरान नगर निकाय के चुनाव को करवाने का प्रयास सरकार की तरफ से किया जाएगा. राज्य में अगले कुछ दिनों में आचार संहिता हटने के बाद इस पर तेजी से काम हो सकेगा।
जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि उत्तराखंड में 1 दिसंबर 2023 को नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया था. ऐसे में इसके बाद के लिए जिलों के जिलाधिकारी को प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया गया था. जिलाधिकारीयों का बतौर प्रशासक का कार्यकाल भी 31 मई 2024 को 6 महीने का पूरा हो गया है. ऐसे में अब सरकार के सामने संवैधानिक संकट की स्थिति पैदा हो गई थी. लिहाजा आचार संहिता का हवाला देते हुए अनुमति लेने के बाद अब प्रशासकों का कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
जारी अधिसूचना के मुताबिक _
प्रदेश के नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल दिनांक 01.12.2023 को रामाप्त होने के फलस्वरूप, उक्त तिथि से पूर्व नगर निकायों में निर्वाचन की कार्यवाही सम्पन्न करते हुये नये बोर्ड का गठन किया जाना था, किन्तु मा० उच्चतम न्यायालय में योजित रिट याचिका संख्या-278/2022 सुरेश महाजन बनाम स्टेट ऑफ मध्य प्रदेश व अन्य में मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 10.05.2023 के अनुपालन में गठित मा० एकल समर्पित आयोग से ओ०बी०सी० को स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व प्रदान किये जाने संबंधी रिपोर्ट प्राप्त न होने कारण शासन की अधिसूचना दिनांक 30.11.2023 द्वारा नगर निकायों में अग्रिम आदेशों तक सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
2- लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 की आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के कारण नगर निकायों की निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होने में विलम्ब के दृष्टिगत शासन की अधिसूचना दिनांक 02.06.2024 द्वारा नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल 03 माह अथवा नवीन बोर्ड के गठन, जो भी पहले हो तक के लिए विस्तारित किया गया है।
3- उत्तराखण्ड राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है तथा मानसून सीजन में अतिवृष्टि/भूस्खलन/बादल फटना इत्यादि घटनाएं निरंतर घटित हो रही हैं।
उक्त स्थिति तथा निकायों के ओ०बी०सी० सर्वे में समय लगने की संभावना के दृष्टिगत नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2024 ससमय संपन्न न होने से निकायों में प्रशासनिक शून्यता की स्थिति उत्पन्न न हो, अतः उक्त विशेष परिस्थितियों के दृष्टिगत नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल नये बोर्ड के गठन तक के लिए एतद्वारा विस्तारित किया जाता है