केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत का मंगलवार देर शाम 10.30 बजे निधन हो गया। देहरादून के मैक्स अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। बता दें शैलारानी लम्बे समय से अस्वस्थ चल रही थी। देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। इसके बाद उनकी सर्जरी हुई। पिछले दो दिन से विधायिका जिंदगी की जंग लड़ रही थी। उनकी मौत की खबर सुनने के बाद से भाजपा के साथ ही प्रदेश में भी शोक की लहर है।
कांग्रेस पार्टी से की राजनीति में शुरुआत
विधायक शैला रानी ने अपने राजीनीति सफर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। साल 2012 में वह विधानसभा पहुंची थी। हरीश रावत की सरकार के दौरान कांग्रेस में हुई बगावत के समय शैला रानी भी पार्टी के 9 सीनियर विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गई। साल 2017 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में शैलारानी को केदारनाथ सीट से टिकट दिया था, लेकिन वह हार गई थी। इसके बाद 2022 में पार्टी ने उन्हें फिर प्रत्याशी बनाया और उन्होनें जीत भी हासिल की।
जानकारी के अनुसार शैलारानी की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के बाद हुई सर्जरी के बाद से वह ठीक नहीं हुई। साल 2017 में चुनाव प्रचार के दौरान शैलारानी रावत गिर गई थी, जिससे उन्हें आंतरिक चोट आई थी। इससे मांस फटने के कारण उन्हें कैंसर भी हो गया था। करीब तीन साल तक इलाज के बाद वह स्वस्थ होकर अपने घर लौटी और फिर से राजनीति में सक्रिय हो गई