लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आयकर विभाग ने 115 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग का हवाला देते हुए कांग्रेस के खाते ‘फ्रीज’ कर दिए हैं। जिसको लेकर पूरे देश में पार्टी इसका विरोध कर रही हैं। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ हफ्ते पहले खातों पर लगी रोक को ‘लोकतंत्र पर तालेबंदी’ करार दिया और सरकार और आयकर विभाग का पुतला दहन भी किया।
देहरादून में कांग्रेस ने किया सरकार का पुतला दहन
आयकर विभाग ने पार्टी के बैंक खातों को पांच साल पुराने रिटर्न से जुड़ी त्रुटियां पर लगाए जुर्माने की वसूली के लिए फ्रीज कर दिया है। जिसके विरोध में आज देहरादून में कांग्रेस ने सरकार का पुतला दहन किया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा की ये लोग राजनीतिक दलों को काम नहीं करना देना चाहते और विपक्षियों को हर तरीके से परेशान कर दबाना चाहते हैं।
हरीश रावत ने कहा की जब चुनाव प्रक्रिया लगभग प्रारंभ हो चुकी है ऐसे में राजनीतिक दल के सारे खातों को सीज करने का अर्थ है की कांग्रेस की वैधानिक गतिविधियां को रोकने का काम किया जा रहा है। हरीश रावत ने कहा की ना कांग्रेस पार्टी भाग रही थी ना ही कांग्रेस के खाते, दो महीने रुका जा सकता था। चुनाव के बाद भी ये कार्यवाही की जा सकती थी। लेकिन ठीक चुनाव के बीच ये कार्यवाही करके इन्होंने दर्शाया की हमारे पास जितने भी हत्यार हैं हम उसका उपयोग करेंगे और विपक्ष को काम नही करने देंगे इसीलिए आज केंद्र सरकार का पुतला फूंका गया।
कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी का कहना है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और इंडियन यूथ कांग्रेस के खाते सीज किए गए हैं, जो की लोकतंत्र के लिए सही नही है। ऐसा कर विपक्ष को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा की एक तरफ भाजपा 400 पार की बात कह रही है। अगर इतना विश्वास है तो इस तरीके की कार्यवाही क्यों की जा रही है ? ये कहीं न कहीं डरे हुए हैं इसीलिए ये हथकंडे अपना रहे हैं।
कांग्रेस के खाते सीज होने पर कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा की सत्तारूढ़ दल में कहीं न कहीं घबराहट और डर दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा की सरकार अंदर ही अंदर राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की सफलता से घबराई हुई है। इसके साथ ही गरिमा दसौनी ने कहा की ये शायद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ होगा जब सत्तारूढ़ दल ने विपक्ष के अकाउंट फ्रीज कर दिए। ये प्रकरण काले अध्याय के रूप में लिखा जाएगा।