
उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीन पर हालात अभी भी सुधरते नजर नहीं आ रहे। मंगलवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का घेराव किया।
जनप्रतिनिधियों ने किया मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का घेराव
पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सुविधाएं पिछले लंबे समय से बदहाल हैं। ग्रामीणों को को इलाज के लिए रोजाना शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। अल्मोड़ा में भी तस्वीर कुछ ऐसी ही है। करोड़ों की लागत से बना अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, स्थानीय लोगों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने में लगातार नाकाम साबित हो रहा है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि लोग अब खुलकर विरोध जताने लगे हैं। जनप्रतिनिधियों और रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का घेराव किया।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से जनता को नहीं मिल रहा लाभ
पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने तीखी नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण जनता को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि खराब व्यवस्था का सीधा असर लोगों पर पड़ रहा है, और इसका ठीकरा अक्सर सरकार पर फूटता है, जबकि गलती कॉलेज प्रशासन की ढिलाई से हो रही है।
हालात नहीं सुधरे तो जारी रहेगा आंदोलन
बिट्टू कर्नाटक ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा हृदय रोगियों के लिए कैथ लैब की स्वीकृति दी जा चुकी है, लेकिन मेडिकल कॉलेज की लेटलतीफी के कारण कैथ लैब अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं, कॉलेज प्रशासन ने अब तक डायलिसिस सेवा शुरू करने के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई भी उच्च स्तर पर नहीं भेजी है। कर्नाटक ने लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा अगर हालात नहीं सुधरे तो आगे भी इसी तरह जवाबदेही तय कराने के लिए आंदोलन जारी रहेगा।


