
दीपावली में आतिशबाजी दिखाने के लिए ली गई देशी पटाखा गन यानी कार्बाइड गन कई लोगों के लिए आफत बन गई। मध्य प्रदेश में इस गन के चलते करीब 300 लोग घायल हुए हैं। जिसमें 186 भोपाल के है। अलग-अलग जगह सभी का इलाज चल रहा है। दरअसल भोपाल में कार्बाइड गन से हो रहे इस हादसे की संख्या बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इसके निर्माण, खरीद और बेचने पर रोक लगा दी है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने घायल बच्चों और युवाओं से अस्पताल में मुलाकात की।
दिवाली पर कार्बाइड गन से 300 बच्चों की आंखें खराब
कार्बाइड गन से घायल हुए ज्यादातर मरीज हमीदिया अस्पताल में भर्ती हैं। भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह घायलों से मुलाकात की। साथ ही इन गन से घायल हुए लोगों को 5-5 हजार रुपए की सहायता मौके पर ही उपलब्ध कराई।
घायलों से मिले डिप्टी सीएम
शुक्रवार को भोपाल के हमीदिया चिकित्सालय में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला पहुंचे। जहां उन्होंने कार्बाइन गन से घायल हुए युवाओं का हालचाल जाना। उन्होंने कहा, ”सभी घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अवैध रूप से पटाखा निर्माण या विस्फोटक सामग्री रखने वालों के विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।”
प्रशासन ने कार्बाइड गन पर रोक के साथ-साथ इसको बेचने वालों की भी खोजबीन शुरू कर दी है। गुरुवार को पुलिस ने ऐसे दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
10 लोगों की आंखे गंभीर
कार्बाइड गन से घायल लोगों में से 15 लोगों का सर्जिकल इलाज चल रहा है। तो वहीं 10 लोगों की आंखे काफी गंभईर रुप से घायल हैं।
नगर पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने बताया, ”पुलिस ने समय रहते एडवाइजरी जारी की थी। घटना के बाद से ही कार्बाइड गन बेचने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से करीब 268 गन बरामद की गई हैं। इसके साथ ही कार्बाइड के पैकेट भी जब्त किए गए हैं।”
बच्चों की हालत स्थिर
विदिशा एसडीएम क्षितिज शर्मा ने कहा, ”अधिकांश बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि चार बच्चे अभी भर्ती हैं। इनमें से एक बच्चा अन्य पटाखे से घायल है, जबकि तीन बच्चे कार्बाइड गन से प्रभावित पाए गए हैं। एक बच्चे का ऑपरेशन भी किया गया, जिसकी हालत अब स्थिर है।”




