
महाभारत’ में कर्ण की भूमिका निभाकर घर-घर फेमस हुए पंकज धीर के निधन की खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया। उन्होंने तो वैसे कई सारी फिल्में और टीवी सीरियल्स किए थे लेकिन जनता उन्हें दानवीर कर्ण के रूप में जानती थी। पंकज धीर और उनके परिवार को लोगों ने काफी प्यार और सम्मान दिया। उनके पिता सीएल धीर भी काफी फेमस डायरेक्टर थे। हालांकि एक दौर ऐसा आया जब पंकज धीरे के परिवार ने सब कुछ खो दिया था। इन सब की वजह थीं गीता बाली।
इस अभिनेत्री के कारण पंकज धीर के परिवार का डूबा था सारा पैसा Pankaj Dheer Family Lost Everything because of Geeta Bali
लहरें रेट्रो’ को दिए एक इंटरव्यू में पंकज धीर ने ये पूरा वाकया बताया था। एक्टर ने बताया कि एक टाइम ऐसा था जब उनके पिता को आधी-अधूरी फिल्म छोड़नी पड़ी थी। जिसके चलते परिवार ने सबकुछ गंवा दिया था। दरअसल एक्टर के पिता सीएल धीर ने कई सालों तक वी शांताराम को असिस्ट किया था।
जिसके बाद उन्होंने बहू बेटी’, ‘रैन बसेरा’, ‘आखिरी रात’ और ‘जिंदगी’ आदि फिल्मों को डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था। पंकज धीर ने परिवार के दुखद वक्त के बारे में बताया। ये घटना गीता बाली स्टारर ‘रानो’ को बनाने के समय हुई थी।
‘रानो’ फिल्म का है किस्सा
पंकज ने बताया कि फिल्म ‘रानो’ को उनके पिता और गीता बाली को-प्रोड्यूस कर रहे थे। दोनों ने फिल्म में सेम रकम लगाई थी। उस फिल्म को उनके पिता डायरेक्ट भी कर रहे थे। छह-सात दिन का काम बाकी थी। गीता ने ये सुझाव दिया कि उनकी बाकी सीन आखिर में शूट कर लें। पूरी फिल्म तैयार थी बस गीता बाली के तीन दिन के सीन होने थे।अब आप इसे बदकिस्मती कहे या फिर कुछ और, गीता बाली पंजाब में चेचक की चपेट में आ गईं।
मौत की सेज पर मांगा ये वादा
पंकज धीर ने आगे बताया, “गीता बाकी क्रू के साथ पंजाब में थीं और उनकी बीमारी का पता चलने पर उन्हें मुंबई लाया गया। वह ठीक नहीं हो सकीं। उन्होंने अपनी मृत्युशय्या पर मेरे पिता से एक वादा मांगा था कि मेरे मरने के बाद, आप इस फिल्म को छोड़ देंगे। और मेरे पिता ने अपना वादा निभाया।”
वादे के चलते डूब गया सबकुछ
गीता बाली के निधन के बाद दिलीप कुमार और मीना कुमारी ने पंकज के पिता को समझाया कि वो मीना के साथ बाकी शूटिंग पूरी कर लें। लेकिन गीता बाली से किया वादा उन्होंने नहीं तोड़ा और फिल्म को अधूरी ही छोड़ दी। फिल्म में लगा पैसा भी डूब गया। जिसके बाद अभिनेता के पिता बिल्कुल अकेले पड़ गए। उस वक्त परिवार को काफी कठिन दौर से गुज़रना पड़ा था।

