
Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज आते ही बाज़ारों में हरे रंग की चूड़ियों की रौनक बढ़ जाती है। इसकी एक गहरी वजह भी है। माना जाता है कि हरा रंग ना सिर्फ प्रकृति और हरियाली का प्रतीक है। बल्कि समृद्धि, खुशहाली और लंबी उम्र की कामना से भी जुड़ा होता है। शिव-पार्वती की इस प्रिय तिथि पर सुहागिनें हरे रंग की चूड़ियां और साड़ी पहनती हैं ताकि उनका वैवाहिक जीवन सुखी बना रहे।
हरे रंग की चूड़ियों का विशेष महत्व Hariyali Teej 2025
ऐसी मान्यता है कि हरा रंग देवी पार्वती को बेहद प्रिय है। यही वजह है कि हरियाली तीज पर हरी चूड़ियां पहनने से अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। ये सिर्फ एक परंपरा नहीं है बल्कि हर स्त्री की दिल से जुड़ी आस्था होती है।
विषम संख्या में पहनें चूड़ियां
हरियाली तीज पर चूड़ियां पहनते वक्त एक बात का खास ध्यान रखा जाता है। चूड़ियां हमेशा विषम संख्या में पहननी चाहिए। जैसे 5, 7, 11 या 21। ये शुभ माना जाता है और इसे जीवन में सौभाग्य की वृद्धि से जोड़ा जाता है।
पुरानी चूड़ियां बदलने का तरीका
अगर आप पुरानी चूड़ियों को बदल रही हैं, तो ध्यान रखें कि दोनों हाथ की चूड़ियां एक साथ न उतारें। पहले दाहिने हाथ की चूड़ियां बदलें, फिर बाएं हाथ की। ऐसा करने से ऊर्जा संतुलित मानी जाती है और परंपरा भी यही कहती है।
कांच की चूड़ियां और आस्था
कांच की चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं और इन्हें तीज पर पहनना बेहद शुभ होता है। नई चूड़ियां पहनने से पहले उन्हें मां पार्वती को समर्पित करना। इससे मन में सकारात्मकता और आस्था का भाव बना रहता है।
चूड़ियों का दान भी पुण्य का काम
27 जुलाई 2025 को हरियाली तीज के दिन हरी चूड़ियां किसी सुहागन को भेंट करना भी बहुत शुभ माना गया है। इसे सौभाग्य देने वाला और पुण्य कमाने वाला कार्य माना जाता है।