उत्तराखण्ड

हल्द्वानी- डीएम की अध्यक्षता में रकसिया एवं देवखड़ी नालों में अतिक्रमण तथा मानसून के दौरान संभावित जन-धन हानि की रोकथाम हेतु प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उच्चस्तरीय बैठक आयोजित

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जिलाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी
श्री प्रताप बिष्ट के अनुरोध पर
जिलाधिकारी कैंप कार्यालय, हल्द्वानी में जिलाधिकारी श्रीमती वंदना सिंह की अध्यक्षता में रकसिया एवं देवखड़ी नालों में अतिक्रमण तथा मानसून के दौरान संभावित जन-धन हानि की रोकथाम हेतु प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।

बैठक में ऋचा सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम हल्द्वानी, राहुल शाह, उपजिलाधिकारी, हल्द्वानी, कुलदीप सिंह, परियोजना प्रबंधक, यूयूएसडीए (पीआईयू), हल्द्वानी, प्रताप बिष्ट, जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, नगर निगम के विभिन्न पार्षदगण, एवं आवास विकास क्षेत्र के निवासीगण सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित रहे।

उपजिलाधिकारी राहुल शाह द्वारा अवगत कराया गया कि विगत वर्षों में नालों पर अतिक्रमण अथवा निर्माण कार्यों के कारण भारी वर्षा में जल प्रवाह बाधित हुआ है, जिससे सड़कों एवं आवासीय क्षेत्रों में जल भराव होकर जन-धन की हानि हुई है। ऐसी घटनाओं से नागरिकों में असंतोष उत्पन्न होता है । उक्त समस्याओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु रकसिया एवं देवखड़ी नालों का प्रारंभिक सर्वे कर अतिक्रमण चिह्नित कर संबंधितों को नोटिस जारी किए गए हैं।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि जिन लोगों को नोटिस दिए गए हैं, उन्हें अभिलेख प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखने का समुचित अवसर भी दिया जाना चाहिए। इस पर जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी पक्षकारों को पर्याप्त समय दिया जाए तथा सम्यक परीक्षण व स्थलीय निरीक्षण के उपरांत ही अंतिम निर्णय लिया जाए।

इस उद्देश्य हेतु एक चरणबद्ध कार्ययोजना बनाई गई, जिसकी समय-सारणी निम्नवत है:

1. दिनांक 23 से 29 जून, 2025
चिन्हित स्थानों पर नगर निगम, राजस्व विभाग व सिंचाई विभाग के माध्यम से कैम्प आयोजित कर अतिक्रमणकारियों को अभिलेख या आपत्ति प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा।

2. दिनांक 29 जून से 10 जुलाई, 2025
विभागीय अधिकारी अभिलेखों की जांच कर अतिक्रमणों की श्रेणीवार सूची तैयार करेंगे, जिनमें अतिक्रमण की गंभीरता व हटाने की प्राथमिकता तय की जाएगी।
साथ ही भूमिधरी भूमि या अन्य मालिकाना अधिकार वाली भूमि का सत्यापन भी किया जाएगा । सत्यापन में
जिन लोगों के अभिलेख सही पाए जाएंगे, उनको दिए प्रारंभिक नोटिस समाप्त किए जाएंगे ।

3. दिनांक 10 जुलाई से 25 जुलाई, 2025
स्थलीय निरीक्षण एवं अभिलेखीय सत्यापन किया जाएगा, जिसमें नालों की वास्तविक स्थिति की जांच कर वास्तविक अतिक्रमणों को स्थल पर चिन्हित किया जाएगा।

4. दिनांक 25 जुलाई से 01 अगस्त, 2025
सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रत्येक व्यक्ति की आपत्ति का निराकरण सत्यापन और सर्वे के अनुरूप संबंधित विभागों द्वारा किया जाएगा।
फील्ड सर्वे में रकसिया नाले और देवखड़ी नाले के पानी की निकासी के विभिन्न विकल्पों पर भी कार्ययोजना बनाई जाएगी ।

5. अगस्त 2025 के द्वितीय सप्ताह तक
तैयार कार्ययोजना और विकल्पों पर विचार हेतु हितधारकों के साथ समीक्षा बैठक कर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन किया जाएगा । जिस पर अतिक्रमण हटाते हुए नालों से वर्षाजल निकासी की कार्ययोजना पर काम किया जाएगा ।

जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि वर्तमान मानसून को ध्यान में रखते हुए ऐसे अतिक्रमण जो पूर्णतः नाले के अंदर स्थित हैं या मानसून में जान माल को गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं, उनकी मुनादी कराते हुए प्रथम चरण में तत्काल हटाने की कार्यवाही की जाए।

सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि उपरोक्त चरणों के अनुसार समयबद्ध एवं समन्वित कार्यवाही सुनिश्चित करें, जिससे मानसून जनित आपदाओं से नागरिकों की सुरक्षा की जा सके।

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News100Live Desk
टीम न्यूज़ 100 लाइव