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बेदर्द पाकिस्तान! अपने ही लोगों के लिए नहीं खोला अटारी बार्डर, नागरिकों की बढ़ी दिक्कत, आगे अब क्या?

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कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पड़ोसी देश पाकिस्तान(pakistan) के बीच तनाव चल रहा है। भारत ने इसके बाद कई बड़े फैसले लिए। भारत सरकार की ओर से पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की डेड लाइन 30 अप्रैल की थी। हालांकि पाकिस्तान ने अपने ही नागरिकों को लेने से मना कर दिया। पड़ोसी मुल्क ने गेट ही नहीं खोले। जिसके चलते नागरिकों को दिक्कत आ रही है।

पाकिस्तान ने अपने ही लोगों के लिए नहीं खोला आटारी बार्डर

पाकिस्तान ने वीरवार को अपने ही नागरिकों के लिए अटारी बार्डर नहीं खोला। 30 अप्रैल को पाकिस्तान नागरिकों को वापस भेजने की डेड लाइन समाप्त होने के बाद भी कहा जा रहा था कि अगर पाक गेट खोलेगा तो नागरिकों को भेजा जा सकता था। इसी के चलते गुरूवार देर शाम तक लोगों को बार्डर पर ही रोका गया। पाकिस्तान के नागरिकों को अटारी बार्डर पर घंटों इंतजार करना पड़ा। पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से गेट जब नहीं खोला गया तो शाम को सभी वापस लौट गए।

दोनों तरफ के फंसे लोगों के बीच डर का माहौल

सिर्फ पाकिस्तान के नागरिक ही नहीं बल्कि भारतीय नागरिक भी गेट ना खुलने की वजह से सीमा के इस पार नहीं आ पाए। दोनों तरफ से लोग फंस गए। पाकिस्तान के नागरिकों की तरफ से गुहार भी लगाई गई कि उन्हें उनके मुल्क वापस लिया जाए। इस तनाव के बीच दोनों तरफ के फंसे लोगों के बीच डर का माहौल है।

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महिलाओं को रोका, बच्चों को भेज दिया

बता दें कि इस तनाव से कई लोगों को तकलीफ हो रही है। अपनी बीमार मां से मिलने बच्चों के साथ भारत आई दो बहनों नबीला और शरमीन को वापस नहीं जाने दिया। तो वहीं बुधवार को उनके बच्चों को बार्डर क्रास करवा दिया गया था।

नबीला और शरमीन कि माने तो कुछ वर्ष पहले दोनों का विवाह पाकिस्तान में हुआ था। 45 दिनों का वीजा लेकर वो भारत आईं थी। ताकि बीमार मां का हाल जान सके। लेकिन उन्हें वापस लौटने में परेशानी हो रही है। भारतीय पासपोर्ट होने की वजह से उन्हें जानें नहीं दिया जा रहा है। बच्चों को पाकिस्तानी पार्सपोर्ट के चलते भेज दिया गया।

News100Live Desk
टीम न्यूज़ 100 लाइव