उत्तराखण्ड

एशिया का सबसे विशाल बाघ बनने का दावा पर्यटकों का नया आकर्षण

खबर शेयर करें -

रामनगर उत्तराखंड के प्रसिद्ध फाटो टूरिज्म जोन ने एक बार फिर से सुर्खियों में जगह बना ली है, और इस बार वजह है एक बेहद असाधारण बाघ—जिसे स्थानीय वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों ने ‘हरक्यूलिस’ नाम दिया है।बताया जा रहा है कि इस बाघ का वजन करीब 300 किलोग्राम और लंबाई लगभग 7 फीट है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बाघ संभवतः एशिया का सबसे बड़ा बाघ हो सकता है।यह विशालकाय बाघ पहली बार फाटो जोन में पर्यटकों की नजर में आया, जिसके बाद इसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। बाघ की भव्यता ने पूरे देश के वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित किया है।तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश आर्या ने भी इस बाघ की असाधारणता की पुष्टि करते हुए कहा, “अपने पूरे करियर में मैंने इतना विशाल बाघ पहले कभी नहीं देखा। यह इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता और बेहतरीन वन प्रबंधन का प्रमाण है।”फाटो सफारी जोन हाल के वर्षों में पर्यावरणीय पर्यटन का उभरता हुआ केंद्र बन गया है। यहां की शांत वादियां, घने जंगल और विविध वन्यजीव पर्यटकों को खासा लुभाते हैं। और अब ‘हरक्यूलिस’ की मौजूदगी ने इसे एक नई पहचान और अंतरराष्ट्रीय महत्व दे दिया है।

वन विभाग की टीम बाघ की गतिविधियों पर पैनी नजर रख रही है। कैमरा ट्रैप की मदद से उसकी लोकेशन और मूवमेंट लगातार मॉनिटर की जा रही है।यदि ‘हरक्यूलिस’ के आकार और वजन की आधिकारिक पुष्टि हो जाती है, तो यह बाघ न सिर्फ फाटो जोन की पहचान बनेगा, बल्कि भारत को वन्यजीव पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर एक नई ऊंचाई तक पहुंचा सकता है

News100Live Desk
टीम न्यूज़ 100 लाइव