
उत्तराखंड में पहाड़ की अस्मिता और सम्मान को लेकर एक बार फिर आंदोलन की तैयारी हो रही है. मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति ने सभी सामाजिक संगठनों और आम जनता से मशाल जुलूस निकालने का आह्वान किया है.
भू-कानून संघर्ष समिति ने किया ‘स्वाभिमान मशाल जुलूस’ निकालने का ऐलान
मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि पहाड़ की अस्मिता पर लगातार चोट की जा रही है. पहाड़ के लोगों को सड़कों पर तो गालियां दी ही जा रही है और अब विधानसभा के अंदर भी पहाड़ के लोगों को गाली दी गई है. डिमरी ने कहा इससे पता चलता है कि पहाड़ के प्रति विधायकों की कैसी मानसिकता है.
1 मार्च को ‘स्वाभिमान मशाल जुलूस’ निकालने की तैयारी
मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने 1 मार्च को शाम 6 बजे प्रदेशभर में स्वाभिमान मशाल जुलूस निकाला जाएगा. मूल निवास भू-क़ानून संघर्ष समिति ने सभी सामाजिक संगठनों और आम जनता से मशाल जुलूस निकालने का आह्वान किया है.
पक्ष-विपक्ष को नहीं है पहाड़ के अस्तित्व की चिंता : डिमरी
डिमरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट उत्तराखंड के लोगों की भावनाएं आहत कर रहे हैं. उन्होंने कहा पक्ष और विपक्ष एक सिक्के के दो अलग-अलग पहलू हैं. इन्हें पहाड़ के अस्तित्व और इसके संसाधनों को बचाने की चिंता नहीं है.
