देहरादूनवासियों के लिए साल 2025 खुशखबरी लेकर आया है। देहरादून में जल्द ही ग्रीन कॉरीडोर बनने जा रहा है। इस परियोजना के तहत एक टनल का भी निर्माण किया जाएगा। इस ग्रीन कॉरीडोर के बन जाने के बाद ट्रैफिक के जाम के झाम से भी निजात मिलेगी।
देहरादून में यहां बनने जा रहा है ग्रीन कॉरीडोर
तमाम अड़चनों से पार पाते हुए आखिरकार नए साल 2025 में बल्लूपुर-पांवटा साहिब राजमार्ग का चौड़ीकरण का काम होगा। चौड़ीकरण का काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा। बता दें कि पांवटा साहिब के छोर पर तो चौड़ीकरण का काम आगे बढ़ रहा था लेकिन देहरादून की ओर जमीन अधिग्रहण की दिक्कतें सामने आ रही थी।
लेकिन अब सभी अड़चने दूर हो गई हैं और कार्यदाई संस्था की ओर से देहरादून की तरफ काम को आगे बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत देहरादून में प्रेमनगर के ढाल से मेदनीपुर तक के लिए 18 किलोमीटर लंबा ग्रीन कारीडोर बनाया जाएगा।
साल 2021 में शुरू हुई थी टेंडर प्रक्रिया
आपको बता दें कि साल 2021 में दिसंबर में बल्लूपुर-पांवटा साहिब राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस परियोजना की कुल लागत 1594 करोड़ रुपए है। इस परियोजना का निर्माण बल्लूपुर चौक से मेदनीपुर और मेदनीपुर से पांवटा साहिब तक दो चरणों में शुरू किया गया था। इसे पूरा करने का लक्ष्य फरवरी 2025 तक रखा गया था। लेकिन देहरादून की ओर से जमीन अधिग्रहण और मुआवजा बांटने को लेकर पंच फंसता चला गया और इसका काम रूक गया।
18 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा ग्रीन फील्ड
देहरादून में प्रेमनगर के पास से सेलाकुई और हरबर्टपुर को बाईपास करते हुए मेदनीपुर तक नया ग्रीन फील्ड बनाने का फैसला लिया गया है। इस ग्रीन फील्ड की कुल लंबाई 18 किलोमीटर है। बता दें कि ये ग्रीन फील्ड 860 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जाएगा।
ये ग्रीन फील्ड प्रेमनगर के पास के ढाल से शुरू होगा। इस भाग पर एक एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। जिसके बाद शुरू होने वाले खेतों से ये परियोजना गुजरेगी। इसके साथ ही यहां पर एक टनल भी बनाई जाएगी। यहीं से परियोजना मेदनीपुर पहुंचेगी और फिर धर्मावाला से फोरलेन परियोजना पांवटा साहिब के पहले वाले पैकेज से जुड़ जाएगी।
देहरादून व पांवटा साहिब की दूरी पांच किमी तक हो जाएगी कम
फिलहाल देहरादून-पांवटा साहिब राजमार्ग की दूरी करीब 50 किलो मीटर तक है। लेकिन सड़क चौड़ीकरण और ग्रीन फील्ड के बन जाने के बाद ये दूरी चार से लेकर पांच किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इसके साथ ही बाईपास के निर्माण से यहां आबादी और औद्योगिक क्षेत्र में रोज लगने