केदारनाथ उपचुनाव के लिए मतदान होने में 24 घंटे से भी कम का समय बचा है। इसी के साथ प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं। 17 दिनों के प्रचार के बाद सोमवार शाम पांच बजे प्रचार का शोर भी थम गया है। केदारनाथ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है। मतदान से पहले दोनों ही पार्टियों ने अपनी रणनीतिक तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
केदारनाथ उपचुनाव के लिए कल होगा मतदान
केदारनाथ में कल यानी 20 नवंबर को मतदान होना है और 23 नवंबर को नतीजों की घोषणा होगी। केदारनाथ विधानसभा में 173 पोलिंग बूथों पर कुल 90,875 मतदाता मतदान करेंगे। इन मतदाताओं में 44 हजार 765 पुरुष मतदाता हैं और 45 हजार 565 महिला मतदाता हैं।। बता दें कि मतदान के दिन केदारनाथ विधानसभा में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर
केदारनाथ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। जहां बीजेपी के लिए ये सीट साख का सवाल बन गई है। तो वहीं कांग्रेस भी इस उपचुनाव के जरिए राजनीतिक जमीन की तलाश कर रही है। इसके साथ ही कांग्रेस बद्रीनाथ वाले परिणाम दोहराए जाने की उम्मीद भी कर रही है। जहां बीजेपी इस उपचुनाव में केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण कार्य, केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट पाने की उम्मीद कर रही है तो वहीं कांग्रेस पिछले सात साल की कमियों और अधूरी योजनाओं को मुद्दा बनाए हुए है और कह रही है कि जनता इस बार उन्हें चुनेगी।
किसके सिर सजेगा जीत का ताज ?
केदारनाथ उपचुनाव के लिए यूं तो प्रचार का शोर थम गया है। लेकिन पूरे 17 दिन कांग्रेस से लेकर बीजेपी ने प्रचार में जी जान लगा दी। जहां भारतीय जनता पार्टी के सभी दिग्गज नेता प्रचार करते हुए नजर आए और खुद सीएम ने भी मोर्चा संभाला। तो वहीं कांग्रेस में भी युवा से लेकर बड़े नेता एक साथ गांव-गांव जाकर प्रचार करते हुए दिखे।
प्रचार में जहां बीजेपी केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य, चारधाम यात्रा, केदारनाथ यात्रा के जैसे कई विकासकार्यों का गिनाती नजर आई तो वहीं कांग्रेस विकास ना होने की बात, बेरोजगारी जैसे मुद्दे लेकर मैदान में डटी रही। अब देखना ये होगा कि जनता किसके साथ खड़ी होती है और जीत किसकी होती है।