भू-कानून को लेकर पूर्व केदारनाथ विधायक का बड़ा बयान सामने आया है। केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत ने आज प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अगस्त मुनि में एक घोषणा करते हुए कहा कि हम राज्य में सशक्त भू कानून लागू कर रहे हैं लेकिन सरकार भू कानून के नाम पर प्रदेशवासियों के आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है।
भू-कानून के नाम पर धांधली कर रही सरकार
पूर्व विधायक मनोज रावत का कहना है कि सरकार भू-कानून के नाम पर धांधली कर रही है। साल 2018 में जब त्रिवेंद्र रावत सरकार उत्तर प्रदेश लैंड एंड जमीदारी इवोल्यूशन एक्ट (upzalr) की धारा 143 और 153 ए में परिवर्तन कर रही थी तो उस समय भी हमने खुलकर सरकार की नीतियों का विरोध किया था। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार ने राज्य में भूमि की लूट का खुला रास्ता खोल दिया गया। त्रिवेंद्र रावत सरकार के समय है जो पाप हुए थे धामी जी ने उसे महापाप में बदल दिया।
चोपता की जमीनों पर है सरकार की नजर
रावत का कहना है कि आज भी राज्य में देश का कोई भी नागरिक आवासीय उपयोग हेतु 250 वर्ग मीटर जमीन खरीद सकता है। इसमें किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है। सरकार में मसूरी की पर्यटन की जमीन किसी निजी कंपनी को देने के बाद पिथौरागढ़ की जमीन भी एक निजी कंपनी के हाथों में सौंप दी है। इसके बाद अब केदारनाथ की जनता के लिए ये मुद्दा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सरकार की नजर पिथौरागढ़ और मसूरी के बाद अब चोपता की जमीनों पर है।