हल्द्वानी। हल्द्वानी के गौला पुल की एप्रोच रोड पिछले दिनों भारी बारिश के चलते बह गई थी, जिसके बाद से पुल पर आवागमन पूरी तरह से बंद है। इससे गौलापार, चोरगलिया, खटीमा, टनकपुर सहित पर्वतीय इलाकों की ओर हल्द्वानी से जाने वाले यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है। हालात यह हैं कि कांग्रेस और अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा प्रशासन को पुल के जल्द मरम्मत और वैकल्पिक मार्ग की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन अब तक केवल स्थलीय निरीक्षण हो रहा है। इसी स्थिति के विरोध में रविवार को कांग्रेस ने गौला पुल के समीप चौराहे पर विशाल धरना प्रदर्शन शुरू किया। धरने में कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता एकजुट होकर बैठे
आंदोलन कर रहे नेताओं ने प्रशासन, NHAI और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि जब पिछली बार 9 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से एप्रोच रोड का निर्माण हुआ था, तो इस बार वह कैसे बह गया।कांग्रेसी नेताओं ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की और पुल को जल्द से जल्द खोलने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुल बंद होने से गौलापार के गरीब लोगों को तीन गुना अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है, जबकि काश्तकारों को अपनी उपज मंडी तक पहुंचाने में ढुलाई का खर्च ही उत्पादन लागत से अधिक हो रहा है।
धरने में शामिल प्रमुख नेताओं में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व सांसद महेंद्र पाल, हल्द्वानी विधायक सुमित हरदयेश, पूर्व विधायक संजीव आर्य, हरेंद्र बोरा, जिला अध्यक्ष राहुल छिमवाल, हेमवती नंदन दुर्गापाल, राजेंद्र खनवाल, खजान पांडे, नीरज रैकवाल, अर्जुन बिष्ट, कैलाश दुमका, उमेश कबडवाल, हरेंद्र क्वीरा, और गोविंद बिष्ट सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।