उत्तराखण्ड

गैरसैंण के बाद अब ऋषिकेश में होगी मूल निवास स्वाभिमान महारैली, पचास हजार लोगों के आने का लक्ष्य

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गैरसैंण के बाद अब 29 सितंबर को ऋषिकेश में मूल निवास 1950, मजबूत भू-कानून और ऋषिकेश में बढ़ते नशे के कारोबार के खिलाफ़ 29 सितम्बर को स्वाभिमान महारैली निकली जाएगी। महारैली में पचास हजार लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

मंगलवार को ऋषिकेश में मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की बैठक हुई. जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सर्वसहमति से तय किया गया कि ऋषिकेश में 29 सितंबर को स्वाभिमान महारैली आयोजित की जाएगी। इस दिन सभी लोग आइडीपीएल में एकत्रित होंगे और यहां से महारैली त्रिवेणी घाट तक निकाली जाएगी।

जनसंपर्क अभियान शुरू करने का निर्णय
महारैली को सफल बनाने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए हरेक मोहल्ले में टीमों के गठन, महिलाओं, युवाओं, पूर्व सैनिकों, व्यपारियों, पूर्व कर्मचारियों और विभिन्न संगठनों से जनसंपर्क कर उन्हें आंदोलन से जोड़ा जाएगा।

शहर के आसपास के इलाकों में सक्रिय हैं भू-माफिया : मोहित
समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि ऋषिकेश और शहर के आसपास के इलाकों में भू-माफिया सक्रिय है। हमारी जमीनों पर बाहर के लोग रिसोर्ट बना रहे हैं और हमारे लोगों को नौकर बना रहे हैं। हम अपने लोगों को मालिक बनता हुआ देखना चाहते हैं।

ऋषिकेश में फलफूल रहा ड्रग्स का कारोबार
मोहित ने कहा ऋषिकेश एम्स में राजस्थान के सात से अधिक लोग भर्ती हुए हैं। जबकि इन नौकरियों पर यहां के मूल निवासी का पहला अधिकार था। सरकारी और प्राइवेट नौकरियों पर बाहर से आने लोग कब्जा जमा रहे हैं। ऋषिकेश में अवैध शराब के साथ ही ड्रग्स का कारोबार भी फलफूल रहा है। इससे हमारी नौजवान पीढ़ी का भविष्य खतरे में आ गया है।

अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना होगा : मोहित
मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवासियों को अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना ही होगा। आज संघर्ष नहीं किया तो हम सभी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। बता दें समन्वय संघर्ष समिति पिछले काफी समय से मूल निवास, सशक्त भू-कानून और स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर आंदोलनरत है।