उत्तराखंड में अब बच्चे कक्षा एक से ही संस्कृत पढ़ेंगे। इसके साथ ही प्रदेश के हर जिले में पांच संस्कृत विद्यालयों को मान्यता मिलेगी। संस्कृत विद्यालयों में लगातार छात्र संख्या घटती जा रही है और छठी कक्षा से बच्चों को संस्कृत पढ़ने में होने वाली दिक्कत को देखते हुए विभाग ने ये फैसला लिया है।
उत्तराखंड के हर जिले में कक्षा एक से पांचवीं तक के पांच संस्कृत विद्यालयों को मान्यता दी जाएगी। इसके साथ ही हर जिले में एक गांव तो संस्कृत गांव बनाया जाएगा। संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक गैरोला ने बताया कि इसके लिए प्रदेश के 10 जिलों में गांव चिह्नित किए जा चुके हैं। जबकि बाकी जिलों में अभी इसकी प्रक्रिया चल रही है।
संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कई कदम
आपको बता दें कि संस्कृत शिक्षा सचिव ने रुद्रप्रयाग, पौड़ी चमोली और टिहरी जिले के कई संस्कृत विद्यालयों का निरीक्षण किया। जिसके बाद उन्होंने बताया रि प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश की लड़कियों के साथ ही एससी, एसटी के छात्रों को को भी संस्कृत की शिक्षा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।