नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा सत्र पूरे साल भर में मात्र 12 दिन का ही होता है. जबकि विधानसभा सत्र की बड़ी अवधि होनी चाहिए. इस बार का विधानसभा सत्र सिर्फ तीन दिन का है. जिसमें पहले दिन शोक संवेदना व्यक्त की जाएगी. जिसके बाद केवल दो दिन का समय बचेगा. इन दो दिन में ही अनुपूरक बजट भी आना है. जिसके बारे में रह्या के वित्त मंत्री को कोई जानकारी तक नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब अनूपूरक बजट आ रहा है और वित्त मंत्री को इसकी कोई जानकारी नहीं है. आर्य ने कहा यह पूरी तरह से विरोधाभास है. उन्होंने बताया 500 सवाल सिर्फ विधायकों द्वारा विधानसभा सत्र के लिए तैयार किए गए हैं. उसके लिए भी समय काफी कम है. इस बार के विधानसभा सत्र में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून व्यवस्था के साथ ही कई महत्वपूर्ण विषय है जिनको सदन में जोर शोर से उठाया जाएगा.
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने समय की अवधि को लेकर कहा कि दो दिन में इन सभी विषयों पर चर्चा होना संभव नहीं है. सोमवार का दिन मुख्यमंत्री का होता है और मुख्यमंत्री के पास 40 विभाग हैं. उसका जवाब भी मुख्यमंत्री को देना होता है लेकिन आज तक कभी सवालों का जवाब विपक्ष को नहीं मिला है. जो बहुत बड़ी विडंबना है. सिर्फ सदन को चलाना मात्र एक खाना पूर्ति है. जबकि सदन को काफी लंबा चलना चाहिए.