हाईकोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायधीश धनंजय चतुर्वेदी के निलंबन आदेश और उनकी जांच संबंधी चार्जशीट को रद्द कर दिया है। धनंजय चतुर्वेदी को हाईकोर्ट ने पूर्व में निलंबित कर जिला न्यायालय चंपावत से सम्बद्ध कर दिया गया था। बता दें कि उन्हें 14 अप्रैल 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
29 दिसंबर 2023 को न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ में जिला जज धनन्जय चतुर्वेदी की याचिका में सुनवाई हुई थी। बता दें कि 24 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट ने चमोली जिला जज धनंजय चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया था। इसेक बाद 10 अगस्त 2023 को धनंजय चतुर्वेदी चार्जशीट को चुनौती दी थी।
बता दें कि धनंजय चतुर्वेदी पर आरोप था कि उनके चमोली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रहने के दौरान गवाह के बयानों की रिकॉर्डिंग की गई जो कि हाईकोर्ट के नियमों का उल्लंघन है। इसके साथ ही ये भी आरोप ता कि उन्होंने चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी मनीषा सती के फोन की कॉल डिटेल प्राप्त की। जो एक महिला की निजता और व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन है।
इस पूरे मामले में उनके खिलाफ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार विजिलेंस और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को हेम वशिष्ट नाम के अधिवक्ता ने को शिकायत की थी। जिसमें न्यायालय में हुई रिकॉर्डिंग की पेन ड्राइव भी दी गई थी।
धनंजय चतुर्वेदी के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि जिस अधिवक्ता ने ये शिकायत भेजी है वो जिला बार एसोसिएशन चमोली में पंजीकृत नहीं है। इसके साथ ही शिकायत पत्र में न तो दिनांक है और न ही उसमें हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके साथ ही शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि हाई कोर्ट के नियमों के मुताबिक किसी न्यायिक अधिकारी की शिकायत शपथ पत्र के माध्यम से की जानी जरूरी है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। शिकायत पत्र को चमोली डाकघर से भेजने के बजाए हल्द्वानी डाकघर से भेजा गया है।
याचिका में कहा गया था कि इस मामले में धनंजय चतुर्वेदी को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनीषा सती का आचरण संदेहास्पद है। मनीषा सती चमोली के पूर्ववर्ती जिला जज नरेंद्र दत्त के संपर्क में थी। इसके साथ ही छः मई की रात उसकी लोकेशन देहरादून में उक्त न्यायिक अधिकारी के आवास के आस-पास की मिली है। अधिवक्ता ने ये आशंका जताई कि क्त न्यायिक अधिकारी और उनके बैच के अधिकारियों में वरिष्ठता के विवाद के चलते यह साजिश की गई है।
याचिका में कहा गया कि साजिश के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनीषा सती उपयोग हुआ हो। याचिकाकर्ता के अनुसार उनकी किडनी में स्टोन है जिस वजह से उन्हें दिन में कई बार शौचालय जाना पड़ता है। ऐसा हो सकता है उनकी इसी परेशानी का फायदा उठाकर रिकॉर्डिंग में किया गया हो ।