एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस ने दो विदेशी ठगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोप है की दोनों यूट्यूब वीडियो को लाईक व सबस्क्राइब कर जल्दी पैसे कमाने का लालच देकर ठगी को अंजाम देते थे। आरोपियों ने हौंककौंग, वियतनाम और चाईना में 500 से ज्यादा फर्जी सिम भेजे थे।
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आरोपियों की पहचान तेन्जिंग चोफेल (28) पुत्र लोपसांग तेन्जिंग निवासी तिब्बती हाल निवासी दिल्ली और ललिता थापा (29) पुत्री ज्ञान बाहदुर थापा निवासी भूटान हाल निवासी दिल्ली के रूप में हुई है।
आरोपियों ने हौंककौंग, वियतनाम और चाईना में 500 से ज्यादा फर्जी सिम भेजे थे। जिसका इस्तेमाल देशभर में हो रहे चीनी घोटालों में किया जा रहा था। पुलिस बरामद किए सिमों की जांच में जुट गई है।
आरोपियों ने नामी गिरामी कम्पनियों की फर्जी वेबसाइट बनाई हुई थी। जिससे ये आम जनता से व्हाट्सएप, ई-मेल, मोबाइल और अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क करते थे। ये खुद को अलग-अलग नामी-गिरामी कम्पनियों के एचआर और कर्मचारी बताकर ऑनलाइन टास्क कर रुपये कमाने का लालच देते थे ।
इसके साथ ही लिंक भेजकर टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाकर अपने टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ते थे। उसके बाद सिग्नल एप के माध्यम से अलग-अलग यू ट्यूब वीडियो लाइक और सब्स्क्राइब करने का टास्क देते थे। उसमें निवेश कर अधिक लाभ कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी से अलग-अलग लेन देन के माध्यम से धनराशि प्राप्त करते थे।
आरोपी धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर उसका इस्तेमाल करते थे। इस पूरी प्रक्रिया में भारत में बैठे ऐसे विदेशी मूल के नागरिकों द्वारा भारत से बाहर फर्जी सिम कार्ड भेजे जाते हैं। जिनसे पूरे देश भर में साइबर ठगी की जा रही है।
मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि ये दोनो आरोपी भूटान और तिब्बत के हैं जो भारत में रह कर लोगों को जल्दी पैसा कमाने का लालच देकर ठगी करते थे। आरोपियों का लिंक देशभर में हो रहे तमाम चीनी घोटालों से भी जुड़ा है। बता दें आरोपियों ने 22 लाख से अधिक का ऑनलाइन फ्रॉड किया है।