हल्द्वानी में तीन दिवसीय जोहार महोत्सव की शुरूआत हो गई है। चीन की सीमा से सटे सीमांत क्षेत्र के जोहार घाटी में रहने वाले लोगों द्वारा हल्द्वानी में बीते 14 सालों से ये आयोजन कराया जाता है।
कहावत है “सौ संसार एक मुनस्यार” यानी सौ संसार एक तरफ और मुनस्यार जोहार एक तरफ। हल्द्वानी में तीन दिवसीय जोहार महोत्सव की आज से रंगारंग शुरुआत हो गई है। आज हल्द्वानी में जोहार घाटी की लोक संस्कृति दर्शाती सुंदर झांकी के साथ महोत्सव की शुरूआत हुई।
चीन की सीमा से सटे सीमांत क्षेत्र के जोहार घाटी में रहने वाले बाशिन्दों द्वारा हल्द्वानी में जोहार महोत्सव का आयोजन पिछले 14 साल से आयोजित कराया जाता है। जोहार घाटी की लोक संस्कृति दर्शाती इन प्रस्तुतियों ने लोगो का मन मोह लिया। सीमांत क्षेत्र के सरकारी व गैर सरकारी सेवाओं में बड़े बड़े पदों पर आसीन जोहार घाटी के बाशिंदे इस महोत्सव में दूर-दूर से शिरकत करने आते हैं।
जोहार महोत्सव में जोहार घाटी की लोक कला हस्तशिल्प कला और वहां के उत्पादों के स्टॉल भी इस महोत्सव में लगाए गए हैं। जोहार घाटी के रहने वाले लोगों के मुताबिक जोहर घाटी की संस्कृति को बचाने और उसको संजोए रखने के लिए इस आयोजन को हर साल किया जाता है। स्थानीय लोग और लोक कलाकार भी जोहर महोत्सव का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। स्थानीय लोगो के मुताबिक संस्कृति को आगे बढ़ाने और संजोये रखने के लिहाज से ये अच्छी पहल है।