उत्तराखण्ड नैनीताल

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के घोटाले बाजी मामले में हाईकोर्ट सख्त ,दिए ये आदेश

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नैनीताल । कई बार सरकारी महकमे में अनियमितताएं के मामले सामने आते हैं एक ऐसा ही मामला क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड का भी सामने आ रहा है जिस पर नैनीताल हाई हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को गम्भीरता से लिया औऱ खेल सचिव उत्तराखंड को 17 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने को आदेश दिये हैं। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ती राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त के लिए तय की है।मामले के अनुसार देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि 2019 के बाद किक्रेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड में हुए चुनावों के बाद खिलाड़ियों के चयन के लिए उनसे रणजी और दूसरी जगहों पर खेलने के लिए लाखों रुपये लिए जा रहा हैं। खिलाड़ियों के खाने पीने से लेकर पानी के बिलों में लाखों रुपये की हेराफेरी की गई।जैसे केलों का बिल 32 लाख, पानी का बिल 22 लाख। खिलाड़ियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसकी वजह से खिलाड़ी अन्य राज्यो की तरफ से खेलने को मजबूर हो रहा रहे हैं। बोर्ड के पदाधिकारियों के खिलाफ अनियमितता और यौन शोषण के कई जगहों पर मुकदमें दर्ज हैं। घोटाले में लिप्त पदाधिकारियों द्वारा ट्रेजरार से फर्जी बिल बनाने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। उसके मना करने पर उसे पद से ही हटा दिया गया।याचिकाकर्ता का कहना है कि मामले की जांच उच्च न्यायालय के तीन रिटायर्ड जजों की निगरानी में कराई जाए और घोटाले में लिप्त पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। बोर्ड को भंग कर इनकी जगह प्रशासक नियुक्त किया जाय।