नैनीताल जिले के लालकुआं के नगीना कॉलोनी में रेलवे भूमि मामले पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे प्रशासन ने आज गुरुवार को प्रशासन की टीम की मौजूदगी में भारी फोर्स के साथ मिलकर भारी विरोध के बीच
नगीना कॉलोनी में अतिक्रमण पर जेसीबी चलाई जा रही है। नगीना कॉलोनी के लोगों एवं तमाम राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने शुरुआत में भारी विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विरोध कर रहे करीब एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।मौके पर रेलवे और जिला प्रशासन की भारी फोर्स तैनात है, अतिक्रमण हटाने का काम चार जेसीबी मशीनों द्वारा किया जा रहा। बुधवार देर शाम रेलवे ने पुलिस के साथ मिलकर नगीना कॉलोनी वासियों को अतिक्रमण हटाने को लेकर लाउडस्पीकर के माध्यम से सूचित किया गया था। जहां आज अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू हो गया है।दरसअल, बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के लालकुआं क्षेत्रान्तर्गत नगीना कॉलोनी में रेलवे की भूमि पर करीब चार हजार लोगों के द्वारा अवैध कब्जा किए जाने के मामले पर सुनवाई की। सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने कब्जाधारियों की याचिका को निरस्त करते हुए अवैध कब्जा हटाने के आदेश रेलवे को दिये हैं। कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने का रास्ता साफ हो गया है।मामले के अनुसार नगीना कॉलोनी लालकुआं निवासी आंचल कुमार व चार अन्य ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा है कि रेलवे ने 3 मई को नोटिस देकर अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया है। जिसकी अंतिम तिथि 18 मई है। इसलिए इसपर रोक लगाई जाये। सुनवाई के दौरान रेलवे के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने कोर्ट को अवगत कराया कि 2018 में इस भूमि का राज्य सरकार व रेलवे ने एक साथ जांच शुरू की थी। उस वक्त 84 अतिक्रमण पाए गए। इसके बाद रेलवे ने कई बार जांच की।वर्तमान में यहां पर करीब 4 हजार लोगों ने टिन शेड डालकर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। इनको हटाने के लिए रेलवे ने इन्हें दस दिन का समय दिया है। लालकुआं रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्कीम के तहत आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण होना है। इसलिए यहां से अतिक्रमण को हटाना आवश्यक है।